Boiler का वर्गीकरण - Boiler Classification in Hindi
बायलर की संरचना संरचना अलग-अलग होती है तथा उनकी ऊंचाई , चौड़ाई इत्यादि भी अलग होता है। इंधन लेने की क्षमता भी बायलर में अलग हो सकती है। किसी बायलर में गरम गैसों का प्रवाह किया जाता है तो किसी बॉयलर में जल का प्रवाह किया जाता है। किसी बायलर में अंदर ही इंधन का दहन होता है , तो किसी में बॉयलर में बाहर ईंधन का दहन होता है।इन सभी बॉयलर को अच्छी तरह से समझने के लिए इनका वर्गीकरण उचित तरीके से करना आवश्यक है इसलिए नीचे उनका वर्गीकरण किया जा रहा है जो निम्न है-
A) इंधन के आधार पर ईंधन के आधार
B) दहन कक्ष की स्थिति के आधार पर
C) वायलर में पानी के संचरण के आधार आधार संचरण के आधार पर
D) वायलर में जल एवं गर्म गैसों गैसों के प्रवाह के आधार पर
E) बायलर क्षमता के आधार के आधार पर
F) बायलर की दाब दाब के आधार पर
G) बायलर के अक्ष की स्थिति के आधार पर
अब थोड़ा विस्तार से........
A) इंधन के आधार पर ईंधन के आधार पर वायलर को 3 वर्गों में विभाजित किया गया है
1) ठोस ईंधन दहन बॉयलर , जैसे-कोयला
2) तरल ईंधन दहन बायलर ,जैसे-पेट्रोलियम
3) गैसीय इंधन दहन,जैसे-वायोगैस
B) दहन कक्ष की स्थिति के आधार पर-
दहन कक्ष की स्थिति के आधार पर वायलर को दो भागों में बांटा गया है-
1) अंतः दहन बायलर (Internally Fired Boiler)
अंतः दहन बायलर में दहन कक्ष बॉयलर खोल के बॉयलर खोल के खोल के अंदर स्थित होता है।
जैसे-लोकोमोटिव बायलर, लंकाशायर बॉयलर
2) बाह्य दहन बायलर (Externally Fired Boiler)
बाह्य दहन बायलर में दहन कक्ष बॉयलर के खोल के बाहर स्थित होता है। ,जैसे-बैंबकॉक, विलकॉक बायलर
C) वायलर में पानी के संचरण के आधार आधार संचरण के आधार पर-
वायलर में पानी के संचरण के आधार पर वायलर को मुख्यतः दो भाग में विभाजित किया गया है।
1) प्राकृतिक संचरण बॉयलर-
इस वायलर में भरण-जल स्वतः tube के माध्यम से वायलर खोल में प्रवेश करती है। इस बॉयलर में पंप की आवश्यकता नहीं होती है।
2) कृत्रिम संचरण बॉयलर-
यह ऐसा वायलर होता है जिसमें पानी के संचरण के लिए पंप की जरूरत होती है।
D) वायलर में जल एवं गर्म गैसों गैसों के प्रवाह के आधार पर-
1) धूम्र नली वायलर (Fire Tube Boiler)-
इस वायलर में भट्टी के अंदर की गर्म गैसे नालियों के भीतर प्रवाहित होती हैं तथा भरण जल इन नलियों के ऊपर से प्रवाहित होता है।
उदाहरण- लंकाशायर बॉयलर, रेल इंजन बायलर आदि आदि, रेल इंजन बायलर आदि।
2) जल नाली बायलर (Water Tube Boiler) -
इस प्रकार के boiler में भरण जल नालियों के भीतर बहता है तथा भट्टी की गरम गैस नलियों के ऊपर प्रवाहित होती है।
उदाहरण-स्टर्लिंग बॉयलर
E) बायलर क्षमता के आधार के आधार पर-
1) निम्न क्षमता बायलर (Low capacity boiler) - इस बायलर की क्षमता 10 टन प्रति घंटा होती है। उदाहरण के लिए रेल इंजन बायलर
2) उच्च क्षमता बायलर (High capacity boiler)- इस बायलर की क्षमता 100 टन टन प्रति घंटा होती है। उदाहरण के लिए बेनसन बॉयलर
F) बायलर की दाब दाब के आधार पर-
1) निम्न दाब बॉयलर बॉयलर (Low pressure boiler)-इस boiler में भाप का दाब 80 बार से कम होता है। उदाहरण - रेल इंजन बॉयलर
2) उच्च दाब बॉयलर बॉयलर (High pressure boiler) - इस boiler में भाप का दाम 80 बार से अधिक होता है। उदाहरण - विलाक्स बॉयलर
G) बायलर के अक्ष की स्थिति के आधार पर-
1) वर्टीकल बायलर (Vertical Boiler) ,जैसे-कॉकरान बॉयलर
2) क्षैतिज बायलर (Horizontal Boiler) ,जैसे- रेल इंजन बॉयलर
3) नत बॉयलर (Inclined Boiler) ,जैसे-strling बॉयलर