बायलर और बायलर के मुख्य अंग
आज के इस post में हम जानेंगे कि boiler in hindi क्या होता है और Boiler ke ang कौन-कौन है? और साथ साथ ही बायलर के अंगों की परिभाषएँ भी दी गई हैं जिसे आसानी से पढ़कर यह समझा जा सकता है कि बायलर का कौन सा भाग , किस कार्य के लिए प्रयोग किया जाता है।
बायलर किसे कहते हैं?-What is a boiler in hindi?
बायलर एक ऐसा ऐसा बंद पात्र है जिसकी क्षमता 10 गैलन से अधिक होती है और इसका उपयोग स्वछता पूर्वक भाप या वाष्प उत्पादन के लिए किया जाता है जो बायलर कहलाता है। इस परिभाषा को बायलर एक्ट के तहत 1962 में बनाया गया। परंतु सभी बंद पात्र को वायलर नहीं माना जा सकता है।
अमेरिकन सोसायटी आफ मैकेनिकल इंजीनियरिंग के तहत " वायलर एक ऐसा उपकरण है जो जल से वाष्प बनाने में सक्षम होता है उसे वायलर कहते हैं वाष्प निर्माण के लिए ऊष्मा की मात्रा को भट्टी के द्वारा प्रदान किया जाता है।
बॉयलर के मुख्य अंग-Main parts of boiler in hindi
किसी भी वायलर को बनाने के लिये निम्न अंगों या अवयय का प्रयोग किया जाता है-
1) बायलर खोल
2) भट्टी
3) भरण पम्प
4) चिमनी और पंखे
5) जालिका
6) तापक सतह
7) दहन भट्टी
8) Tube और Header
9) चढनार एवं मुख्य साधन
10) उपसाधन
बायलर के अंगों की परिभाषएँ
1) भट्टी (Furnace in hindi)
जाली के ऊपर का भाग और वायलर खोल के के नीचे का भाग को भट्ठी कहते हैं इसे फायर बॉक्स के भी नाम से जाना जाता है भट्टी के अंतर्गत ही जाली और दहन कक्ष आते आते आते हैं।
2) भरण पम्प (Feed Pump in hindi)
वायलर का वह भाग जो, जल देने वाले सिस्टम से जल को लेकर , वायलर की खोल में में खोल में में जल को भरने का काम करता है। उसे भरण पंप कहते हैं।
3) चिमनी और पंखे (Chimney and fans in hindi)
चिमनी और पंखे बायलर की दहन कक्ष में उत्पन्न हुए धुँए को बाहर निकालने का काम करते हैं।
4) जालिका (Grate in hindi)
जालिका को ढलवा लोहे से बनाया जाता है यह बार की आकृति का बना होता है। जिसमें छिद्रों का प्रयोग का प्रयोग किया जाता है। जाली के ऊपर ठोस ईंधन इत्यादि को रखा जाता है। जाली के छिद्रों का प्रयोग दहन कक्ष के लिए वायु की पूर्ति करने के लिए करते हैं और दहन के पश्चात बचे हुए अवशेष को छानकर बाहर निकालने में भी इसका ही प्रयोग किया जाता है।
5) तापक सतह (Heating Surface in hindi)
तापक सतह जाली के ऊपर बना होता है जो ईधन का दहन करने के काम आता है।
6) दहन भट्टी (Combustion Chamber in hindi)
दहन भट्टी का प्रयोग बायलर के लिए ऊष्मीय ऊर्जा को प्राप्त करने के लिए किया जाता है दहन भट्टी , बायलर खोल के के नीचे स्थित होता है।
7) बायलर खोल (Boiler Shell in hindi)
वायलर का खोल मिलन कार आकृति का होता है जो इस बात की प्लेटों को मोड़कर बनाया जाता है वायलर खोल के ऊपरी और निचले सिरोको प्लेटो द्वारा जोड़ा जाता है और जहां सकता होती है छिद्रों के लिए स्थान बनाए होते हैं।
8) Tube और Header
इनका प्रयोग वाटर प्लांट में भरण जल और वाष्प को एक स्थान स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए किया जाता है।Tube और Header का उपयोग जल और वाष्प स्थांतरण के लिए किया जाता है।
9) चढनार (Mounting in hindi)
चढनार वायलर के वह भाग हैं। जो वायलर को सुरक्षित तरीके से चलने के साथ-साथ उनकी समस्त परिस्थितियों को चालन का कार्य अच्छी नियन्त्रण से करते हैं। जैसे-दाब गेज , सुरक्षा वाल्व , गलन-प्लग निकास टोंटी इत्यादि।
10) उपसाधन (Accessories in hindi)
यह ऐसे भाग है जो है जो जो वायलर की दक्षता को बढ़ाने में सहायक होने के साथ-साथ उनकी सामर्थ्य इत्यादि को भी बढ़ाने पर ध्यान देते हैं वे उपसाधन कहलाते हैं। जैसे- water- feed system , अतितापक इत्यादि।