Automatic Tool Changer क्या है - CNC Machine -:
सी.एन.सी./ CNC मशीन को इस प्रकार से डिजाइन किया जाता है कि वह एक बार सेटिंग कर देने पर कई प्रकार के ऑपरेशन आसानी से संपन्न कर सके। जब कोई कार्यखंड जटिल होता है तो उसकी मशीनिंग करने के लिए अधिक टूल की जरूरत पड़ती है। इसलिए सीएनसी मशीन में कई टूल लगाने के विकल्प होते हैं। इन टूल को सीएनसी मशीन के टूल पोस्ट में लगा दिया जाता है और जिस टूल की जरूरत पड़ती है, सी.एन.सी. मशीन निर्देश के अनुसार सीएनसी मशीन, टूल में परिवर्तन कर देता है।
यह सभी टूल, टूल पोस्ट में लगे होते हैं। जिस टूल से कार्यखंड पर मशीनिंग करना होता है उस को निर्देश देकर कार्यखंड पर मशीनिंग करने के लिए ला दिया जाता है। इस प्रकार ऑटोमेटिक टूल परिवर्तन होने की क्रिया को ऑटोमेटिक टूल परिवर्तक कहते हैं।
ऑटोमैटिक टूल परिवर्तक के प्रकार (Types of Automatic Tool Changer in Hindi) -:
यह दो प्रकार का होता है -
1) ड्रम टाइप ऑटोमेटिक टूल परिवर्तक (Drum Type A.T.C.)
2) चेन टाइप ऑटोमेटिक टूल परिवर्तक (Chain Type A.T.C.)
1) ड्रम टाइप ऑटोमेटिक टूल परिवर्तक (Drum Type Automatic Tool Changer/A.T.C.) -:
CNC मशीन में ड्रम टाइप ऑटोमेटिक टूल परिवर्तक का प्रयोग तब किया जाता है, जब मशीन में मशीनन के लिए 30 से कम टूल की आवश्यकता पड़ती है। जब 30 से कम टूल की आवश्यकता पड़ती है तो इसे ड्रम टाइप टूल परिवर्तक में लगा देते हैं। यह सभी टूल ड्रम में लगे होते हैं।
2) चेन टाइप ऑटोमेटिक टूल परिवर्तक Chain Type Automatic Tool Changer/A.T.C.) -:
जब सीएनसी मशीन में 30 से अधिक टूल को लगाकर कार्यखंड में मशीनिंग प्रक्रिया करनी होती है तो चैन टाइप टूल परिवर्तक का प्रयोग किया जाता है। ये सभी टूल चैन की भांति CNC मशीन में लगे होते हैं।
ये भी पढ़े....
- पार्ट प्रोग्रामिंग फॉर्मेट (Part Programing Format) क्या है?
- CNC मशीन के भाग
- CNC मशीन के टूल डिजाइन विशेषता और प्रभावित करने वाले घटक
- Parts Programing क्या है? प्रकार
- CNC मशीन की समस्यायें
ऑटोमैटिक टूल परिवर्तक के लाभ (Advantages of Automatic Tool Changer in Hindi) -:
१) ऑटोमेटिक टूल चेंजर का प्रयोग करने से मशीनिंग की यथर्थता में वृद्धि हो जाती है।
२) इस ऑटोमेटिक टूल के द्वारा उच्च सतह फिनिशिंग प्राप्त होती है।
३) इसके प्रयोग करने से होने वाली प्रोसेस की लागत कम आती है।
४) जब इस टूल का प्रयोग किया जाता है तो प्रोसेस कि नम्यता में वृद्धि होती है।
५) ऑटोमेटिक टूल परिवर्तन का प्रयोग करने से रख-रखाव सरल हो जाता है।
६) इस टूल की खास बात यह होती है कि बड़े से बड़े और भारी से भारी टूल भी अपने आप ही बदल जाते हैं।
७) टूल लाइन 1 सेकेंड का वक्त लगता है और टूल बदल जाता है।
८) ऑटोमेटिक टूल चेंजर का प्रयोग करने से ऑपरेटर सुरक्षित रहता है।
ये भी पढ़ें...