जूट (Jute in Hindi) -:
जूट एक लंबा, मुलायम व चमकदार पौधे का तंतु होता है जिसका प्रयोग करके मोटे और मजबूत धागे बनाए जाते हैं। जूट के तंतु को जूट के पौधों से प्राप्त किया जाता है। जिस स्थान पर 150 सेंटीमीटर या उससे अधिक 1 साल में बारिश होती है वहां पर यह पौधा उगता है, साथ ही वहां का वातावरण उष्ण और आद्र होना आवश्यक है। सामान्यतः झूठ का पौधा गंगा व ब्रह्मपुत्र डेल्टा की जलोढ़ मृदा में अच्छी तरह उगता है।
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जूट की रस्सी |
जूट की खेती वर्षा ऋतु में ही की जाती है। जूट की बुवाई मार्च और अप्रैल में की जाती है और अगस्त तथा सितंबर में झूठ की कटाई की जाती है। इस प्रकार जूट को मार्च और अप्रैल में बोकर अगस्त या सितंबर में काट लिया जाता है। जूट के पौधे बोने के बाद धीरे-धीरे बढ़ता है और तीन से चार महीने के बाद ही इस पर पीले तंतु आते हैं।
जब इस पौधे के तंतु अच्छी तरह तंतु आ जाते हैं तो यह कड़े और काफी चमकदार हो जाते हैं। जब यह कड़े और चमकदार हो जाते हैं तो इन्हें काटकर मोटे और मजबूत धागों में बदल लिया जाता है। भारत में जूट सबसे अधिक पश्चिम बंगाल बिहार असम उड़ीसा और मेघालय में पाया जाता है की की इन्हीं राज्यों में की खेती अधिक की जाती है।
जूट के उपयोग (Uses of Jute in Hindi) -:
1) जूट का प्रयोग रस्सी बनाने के लिए किया जाता है।
2) इसका प्रयोग करके कुर्सियां बनाई जाती हैं।
3) कई वस्त्र ऐसे होते हैं जिनको पैकिंग में प्रयोग किया जाता है।
4) पैकिंग वाले वस्त्र जूट के द्वारा ही निर्मित किए जाते हैं।
5) गलीचे का निर्माण जूट के तंतु द्वारा ही किया जाता है।