माइल्ड स्टील (Mild Steel) में कई प्रकार के गुण पाए जाते हैं जिसके कारण भारतीय कंपनियों में इसकी मांग ज्यादा रहती हैं। इस स्टील में अद्वितीय मशीनन क्षमता और वेल्डिंग बनाने की क्षमता रहती है। जैसा कि हम जानते हैं कि जिस धातु में मशीनन और वेल्डिंग क्षमता रहती है उस धातु का यंत्रिक और अन्य लौह सामग्री बनाने में बहुत अधिक इस्तेमाल किया जाता है।

आज के इस पोस्ट में मैं आपको बताता हूं कि Mild Steel Kya Hai और इसमें कौन-कौन से विशेष गुण पाए जाते हैं तथा कार्बन की कितनी मात्रा उपस्थित होती है। आज माइल्ड स्टील के गुण, अवगुण व नुकसान के साथ इसके प्रयोग का भी वर्णन करेंगे।

  • माइल्ड स्टील क्या है
  • माइल्ड स्टील के गुण
  • माइल्ड स्टील के अवगुण और नुकसान
  • माइल्ड स्टील के प्रयोग



माइल्ड स्टील क्या है? गुण, नुकसान और प्रयोग । Mild Steel in Hindi
Mild Steel से बना बोल्ट



मृदु या माइल्ड स्टील (Mild Steel in Hindi) -:

लो कार्बन स्टील (Low Carbon Steel) को एक प्रकार का माइल्ड स्टील (Mild Steel) ही कहा जाता है। माइल्ड स्टील में कार्बन की मात्रा कम होती है।

माइल्ड स्टील एक लौह धातु होती है जो लोहे और कार्बन से बनी होती है। इसमें लोहे और कार्बन एक निश्चित अनुपात में रहते हैं। साधारणतः यह कम कीमत पर उपलब्ध हो जाती है जिसके कारण इसका उपयोग इंजीनियरिंग क्षेत्र में अधिक किया जाता है।

कई जगह पर इसमें कार्बन की मात्रा भी भिन्न भिन्न बताई है। परंतु सामान्यतः माइल्ड स्टील में कार्बन की मात्रा 0.15% से 0.30% के लगभग पायी जाती है।

माइल्ड स्टील में कार्बन की मात्रा कम होने कारण यह काफी मजबूत होता है इसकी गुणवत्ता में और सुधार करने के लिए अगर इसमें और कार्बन को निश्चित अनुपात में मिलाकर उपयोग किया जाए तो माइल्ड स्टील की गुणवत्ता और बढ़ जाती है और यह पहले से अधिक मजबूत हो जाता है।



माइल्ड स्टील के गुण (Properties & Advantage of Mild Steel in Hindi) -:

1. तन्यता व आघातवर्धनीयता : माइल्ड स्टील में तन्यता व आघातवर्धनीयता का उच्च गुण होता है जिसके कारण हमें यह लाभ होता है कि इसे पीटने पर यह आसानी से टूटता नहीं है। अतः माइल्ड स्टील को पीट-पीटकर लंबा किया जा सकता है या किसी अन्य आकर में बदला जा सकता है।

2. भंगुरता : माइल्ड स्टील में भंगुरता का गुण नहीं होता है क्योंकि  माइल्ड स्टील को जब पीटा जाता है तो यह टूटने की बजाय फैलता जाता है।

3. मशीनन क्षमता : अपने मशीनिंग क्षमता के कारण ही माइल्ड स्टील कंपनियों की पसंदीदा स्टील बनी हुई है। स्टील में मशीनिंग क्षमता काफी अत्यधिक होता है जिसके कारण इस पर कोई भी मशीनिंग प्रोसेस करना आसान होता है।

4. लचीलापन और वेल्डेबिलिटी : माइल्ड स्टील काफी लचीला होता है तथा इसमें वेल्डिंग करने पर बहुत ही मजबूती से पकड़ करता है। अतः हम कह सकते हैं कि माइल्ड स्टील में वेल्डेबिलिटी का गुण पाया जाता है।

5. चुम्बकीय गुण : माइल्ड स्टील में कार्बन की मात्रा कम होती है परंतु इसमें लोहे की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण इसमें चुंबकीय गुण अधिक पाया जाता है।

6. मुलायम एवम फोर्ज : माइल्ड स्टील काफी मुलायम धातु होती है जिसको आसानी से पीटकर लगभग किसी भी वांछित आकार में ढाला जा सकता है।



माइल्ड स्टील के अवगुण या नुकसान (Disadvantage of Mild Steel in Hindi) -:

1. माइल्ड स्टील में लोहा अधिक होता है जिसके कारण जब यह नमी और वायु पाती है तो इसमें जंग लगने लगता है।

2. कई धातुओं को ताप देकर उनके गुणों में सुधार किया जाता है परंतु Mild Steel को ताप देने पर बहुत ही कम सुधार होता है।

3. माइल्ड स्टील अन्य स्टील की तुलना में कम टिकाऊ होता है।

4. माइल्ड स्टील में Weldability की क्षमता होती है परंतु इसको वेल्डिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है।



माइल्ड स्टील के अनुप्रयोग (Uses of Mild Steel in Hindi) -:

1. माइल्ड स्टील का प्रयोग तार (Wire) को बनाने में किया जाता है।

2. माइल्ड स्टील के उपयोग से किफायती मूल्य पर प्लेट व चादर बन जाता है जिसके कारण Mild Steel का उपयोग प्लेट व चादर बनाने में भी किया जाता है।

3. इस स्टील का उपयोग ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में किया जाता है।

4. माइल्ड स्टील का उपयोग करके छड़ और कार की बॉडी बनाया जाता है।

5. माइल्ड स्टील का प्रयोग Construction में किया जाता है।

6. माइल्ड स्टील का प्रयोग मशीनरी में अधिक किया जाता है।

7. माइल्ड स्टील का उपयोग फर्नीचर से सामग्री बनाने और बाड़ लगाने में भी किया जाता है।